Contents
- 1 डायस्टोलिक रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) क्या है? Diastolic Blood Pressure Kya Hai
- 2 ब्लड प्रेशर क्या है? Blood Pressure Kya Hai?
- 3 ब्लड प्रेशर नंबर का मतलब – Blood Pressure Numbers Ka Matlab
- 4 डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करने के तरीके – Diastolic Blood Pressure Kam Karne Ke Tarike
- 4.1 दिल को स्वस्थ रखने वाले खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें
- 4.2 सैचुरेटेड और ट्रांस फैट सीमित करें
- 4.3 आहार में सोडियम कम करें
- 4.4 ज़्यादा पोटेशियम खाएं
- 4.5 कैफीन का सेवन बंद करें
- 4.6 शराब का सेवन बंद करें
- 4.7 ज़्यादा चीनी खाने से बचें
- 4.8 डार्क चॉकलेट पर स्विच करें
- 4.9 डैश सेवन योजना की कोशिश करें
- 4.10 लेबल की जांच ज़रूर करें
- 4.11 नमक से सावधान रहें
- 4.12 तनाव पर काबू पाएं
- 4.13 डाइट में मशरूम को शामिल करें
- 4.14 वजन कम करें
- 4.15 धूम्रपान बंद करें
- 4.16 मछली खाएं
- 4.17 पर्याप्त नींद लें
- 4.18 नियमित रूप से व्यायाम करें
- 5 जटिलताएं – Jatiltayein
- 6 निष्कर्ष – Nishkarsh
- 7 मंत्रा केयर – Mantra Care
डायस्टोलिक रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) क्या है? Diastolic Blood Pressure Kya Hai
डायस्टोलिक रक्तचाप या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर इस बात का माप है कि आपका दिल आपकी धमनियों की दीवारों के खिलाफ कितनी मेहनत करता है। सभी व्यक्तियों के लिए जानना बहुत ज़रूरी है कि वह इसे कैसे सुधार सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आपका डायस्टोलिक रक्तचाप जितना ज़्यादा होगा, आपको दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य दिल की बीमारियां होने का जोखिम भी उतना ही ज़्यादा होगा।
आमतौर पर यह 40 से 79 एमएमएचजी के बीच में आता है, लेकिन यह 20 एमएमएचजी जितना कम या 120 एमएमएचजी जितना ऊंचा हो सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा गैर-डायबिटिक लोगों के लिए लक्ष्य के रूप में 140/90 या उससे कम और डायबिटीज वाले लोगों के लिए 150/90 या उससे कम की सलाह दी जाती है।
ब्लड प्रेशर क्या है? Blood Pressure Kya Hai?
डायस्टोलिक रक्तचाप आपके रक्तचाप को मापने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दो संख्याओं में से एक है। रक्तचाप की उच्च संख्या को सिस्टोलिक कहते हैं, जिसका मतलब दिल की मांसपेशियों के सिकुड़ने पर धमनी की दीवार के खिलाफ लगाया जाने वाला उच्च दबाव है। जबकि, रक्तचाप की कम संख्या डायस्टोलिक रक्तचाप है, जो दिल की मांसपेशियों के सिकुड़ने पर धमनी की दीवार के खिलाफ लगाया जाने वाला सबसे कम दबाव है।
जब आप अपने दिल की धड़कन (संकुचन) को महसूस करते हैं, तो यह रक्त ले जाने वाली वाहिकाओं में पंप कर रहा होता है। प्रत्येक दिल की धड़कन के बीच हृदय वाहिकाएं रक्त से भर जाती हैं और शिथिल हो जाती हैं। इस तरह किसी व्यक्ति के शरीर में दोबारा दिल धड़कने पर ज़्यादा रक्त वाहिकाओं में जा सकता है।
ब्लड प्रेशर नंबर का मतलब – Blood Pressure Numbers Ka Matlab
रक्तचाप संख्या के दो सेट हैं, पहला सिस्टोलिक और दूसरा डायस्टोलिक। ब्लड प्रेशर रीडिंग के सबसे ज़्यादा नंबर को सिस्टोलिक कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि जब आपका दिल आपकी रक्त वाहिकाओं के ज़रिए रक्त पंप करता है, तो आपका दिल सबसे ज़्यादा दबाव डालता है। डायस्टोलिक कम संख्या है, जो हर दिल की धड़कन के बीच होती है। इसके लिए आपका दिल आराम करता है, ताकि यह ज़्यादा रक्त से भर सके।
डायस्टोलिक रक्तचाप ज़रूरी है, क्योंकि यह हमें अनुमान देता है कि हर दिल की धड़कन के बीच आपका दिल कितनी अच्छी तरह आराम कर रहा है। हालांकि, ज़्यादातर मामलों में आप जिस मानक डायस्टोलिक रक्तचाप के बारे में सुनते हैं, वह सभी के लिए बिल्कुल सटीक नहीं होता है। किसी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा दवाओं का सेवन उनके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। इसका मतलब है कि उनके पास बिना किसी कोशिश के कम पल्स रेट होगा।
आपके डायस्टोलिक रक्तचाप को निर्धारित करने के कुछ अलग तरीके हैं। आप इसे एक इन्फ्लेटेबल कफ का इस्तेमाल करके डॉक्टर के कार्यालय में करवा सकते हैं। आप ऐसे ऑटोमेटेड कफ का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो हर बार आपकी नब्ज को महसूस करने पर रीडिंग लेते हैं। इसके अलावा घरेलू मॉनिटरिंग आपके लिए एक अन्य विकल्प है। अगर आप अपने ब्लड प्रेशर नंबर के बारे में नहीं जानते हैं, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर से पूछना सुनिश्चित करें।
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करने के तरीके – Diastolic Blood Pressure Kam Karne Ke Tarike
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने के कई तरीके हैं। आपको यह जानना ज़रूरी है कि हाई डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को भी उपचार की ज़रूरत होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी मेडिकल रिपोर्ट में हाई डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर रीडिंग के अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल है, तो दवा एक ही बार में दोनों स्थितियों का इलाज करेगी।
दिल को स्वस्थ रखने वाले खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें
आप अपने खाने में कुछ बदलाव करके अपने हाई ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप कम मांस और ज़्यादा सब्जियां खा सकते हैं। इसके अलावा जैतून का तेल, लहसुन और टमाटर आपके दिल के लिए बहुत फायदेमंद हैं। यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
सैचुरेटेड और ट्रांस फैट सीमित करें
सैचुरेटेड और ट्रांस फैट आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खासतौर से ऐसा तब होता है, जब आप प्रतिदिन इनका ज़्यादा मात्रा में सेवन करते हैं। अगर आप इनमें से बहुत ज़्यादा फैट खाते हैं, तो आपको दिल से संबंधित समस्या होने का खतरा होता है। आपको इन्हें ज्यादा खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आपका दिल बीमार हो सकता है। पनीर और दूध में बहुत ज़्यादा फैट होता है, इसलिए पूरा दूध न पिएं और पनीर न खाएं।
आहार में सोडियम कम करें
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आपको अपने सोडियम के स्तर को कम करने की ज़रूरत है। उदाहरण के लिए, आपको खाना बनाते समय सोया सॉस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके बजाय आप ताजी जड़ी-बूटियों या नींबू का रस इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही सुपरमार्केट में कम सोडियम वाले खाद्य पदार्थ चुनें, ताकि आप आसानी से स्वस्थ खा सकें।
ज़्यादा पोटेशियम खाएं
फल और सब्जियों के सेवन से आपको पोटेशियम मिल सकता है, जैसे केले। केले आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हैं, क्योंकि केले में पोटेशियम मौजूद होता है। अगर आप इन्हें नियमित रूप से खाते हैं, तो यह आपके ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद कर सकता है।
कैफीन का सेवन बंद करें
कैफीन एक ऐसा पेय है, जो आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। खासतौर से अगर आप इसे सोने से पहले पीते हैं, तो इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाएगा। देर रात को कॉफी या कैफीन वाली चाय पीने से आपको सोने में परेशानी हो सकती है। इससे न सिर्फ आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, बल्कि चिंता जैसी अन्य चिकित्सीय समस्याएं भी हो सकती हैं।
शराब का सेवन बंद करें
उच्च रक्तचाप वाले लोगों को शराब का सेवन बंद करने की सलाह दी जाती है। ज़्यादा शराब पीने से आपके दिल की धड़कन को तेज हो सकती है, जिससे आपके दिल पर ज़्यादा दबाव डलता है। यह निश्चित रूप से उच्च डायस्टोलिक रक्तचाप को बढ़ावा देगा, इसलिए आपको हर कीमत पर इससे बचने की ज़रूरत है।
ज़्यादा चीनी खाने से बचें
चीनी आपके लिए हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इससे आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। चीनी के ज़्यादा सेवन से आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। अगर आप ज़्यादा मात्रा में चीनी खाते हैं, तो यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा देगा, जिससे आपके दिल को चोट पहुंचेगी और आपको डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर की समस्या होगी।
डार्क चॉकलेट पर स्विच करें
मिल्क चॉकलेट के मुकाबले डार्क चॉकलेट खाना आपके लिए ज़्यादा बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कम शुगर और ज़्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आपके दिल को बेहतर बनाते हैं। अगर आप इसे अक्सर खाते हैं, तो कुछ समय बाद आपका ब्लड प्रेशर कम हो जाएगा।
डैश सेवन योजना की कोशिश करें
आप डायट्री अप्रोचिज टू स्टॉप हायपरटेंशन यानी डैश खाने की योजना से अपना ब्लड प्रेशर कम कर सकते हैं। खाने का यह तरीका आपके दिल को स्वस्थ रखने और आपको लंबे समय तक जीने में मदद करता है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो आपको इस खाने की योजना का पालन करना चाहिए। इससे आपको कुछ ही समय में ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिलती है।
लेबल की जांच ज़रूर करें
अगर आप जानना चाहते हैं कि कोई उत्पाद आपके दिल के लिए अच्छा है या नहीं, तो आपको खाद्य लेबल की जांच करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, जब आप सूप खरीदते हैं, तो सुनिश्चित करें कि इसमें बहुत ज़्यादा सोडियम नहीं है। इसके लिए आपको लेबल को ध्यान से पढ़ने की ज़रूरत है। ऐसा करके आप समझ सकते हैं, कि किस तरह के खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे हैं और कौन-से नहीं।
नमक से सावधान रहें
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए नमक हानिकारक हो सकता है। यही कारण है, कि डॉक्टरों द्वारा हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को नमक से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में नमक वाले खाने से बचें और बिना नमक वाला खाना खांए। उदाहरण के लिए, जब आप किसी रेस्तरां में रात के खाने के लिए बाहर जाते हैं, तो उन्हें नमक डालने से मना करें। बहुत ज़्यादा नमक आपके दिल को चोट पहुंचाता है और इससे आपको डायस्टोलिक रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है।
तनाव पर काबू पाएं
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो तनाव आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे लोगों को इसे मैनेज करने की ज़रूरत है। तनाव की मात्रा को कम करने के लिए योग और गहरी सांस लेने जैसे कई अन्य तरीके हैं। इन तरीकों की मदद से आप तनाव के साथ ही अपने ब्लड प्रेशर को भी कम कर सकते हैं।
डाइट में मशरूम को शामिल करें
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए मशरूम बेहद फायदेमंद है। अगर आप नियमित रूप से मशरूम खाते हैं, तो कुछ ही समय में अपना बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर कम कर सकते हैं। इसके लिए हर दिन खाना पकाते हुए इसमें एक व्हाइट बटन मशरूम या स्ट्रॉ मशरूम शामिल करने की कोशिश करें। यह आपके दिल की मदद भी करता है।
वजन कम करें
कभी-कभी ज़्यादा वजन भी लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं, तो आपको तुरंत अपना वजन निंयत्रित करने की ज़रूरत है। ज़्यादा वजन को आपके दिल के लिए नुकसानदायक माना जाता है। उदाहरण के लिए, किसी दोस्त की मदद से वजन कम करने की कोशिश करें। वजन घटाने के लिए आप हर दिन चलने जैसी कोई मजेदार गतिविधि भी कर सकते हैं। इससे आप न सिर्फ बेहतर आकार में आते हैं, बल्कि स्वस्थ भी महसूस करते हैं और आपका ब्लड प्रेशर तेजी से नीचे गिरता है।
धूम्रपान बंद करें
अगर आप अपना ब्लड प्रेशर कम करना चाहते हैं, तो सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर दें। धुम्रपान आपका ब्लड प्रेशर बहुत जल्दी बढ़ा सकता है। ऐसे में जल्द से जल्द धुम्रपान की आदत छोड़ने की कोशिश करें, ताकि आपको डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर की समस्या न हो। धूम्रपान बंद करना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना आपके लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि यह आपके दिल को भी बेहतर बनाता है।
मछली खाएं
विशेषज्ञों की मानें, तो हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए मछली का सेवन करना बहुत अच्छा है। मछली खाने से समय के साथ आपके दिल की मांसपेशियां भी मजबूत हो सकती हैं। साथ ही यह आपका ब्लड प्रेशर सामान्य से कम करके ज़्यादा स्वस्थ बना सकती है। उदाहरण के लिए, जब तक आप बेहतर महसूस न करें, तब तक हर दिन सैल्मन या मैकेरल जैसी मछली खाने की कोशिश करें। नियमित रूप से मछली खाने वाले लोग ब्लड प्रेशर को ज़्यादा आसानी से मैनेज कर सकते हैं। इसका कारण मछलियों में पाया जाने वाला ओमेगा-थ्री फैटी एसिड है, जो दिल को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है।
पर्याप्त नींद लें
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए भरपूर आराम करना ज़रूरी है। इसके लिए रात को जल्दी सोने की कोशिश करें, ताकि आपके शरीर को ज़रूरत के हिसाब से पर्याप्त नींद मिल सके। रोजाना आराम करने से न सिर्फ आपका दिल स्वस्थ रहता है, बल्कि आपकी सेहत को भी बहुत फायदा होता है।
नियमित रूप से व्यायाम करें
नियमित रूप से व्यायाम करना हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि यह आपके दिल को मजबूत और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, हर दिन टहलने जाने या दोस्तों के साथ खेल खेलने की कोशिश करें, ताकि आप ज़्यादा भागदौड़ महसूस न करें। साथ ही समग्र रूप से जीवन में ज़्यादा सक्रिय रहें। नियमित रूप से किये गए व्यायाम की मदद से आपका शरीर चीजों को बेहतर तरीके से संभाल पाता है और आपका ब्लड प्रेशर भी कम होता है।
जटिलताएं – Jatiltayein
डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ने से आप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को अनुभव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर यह 100 मिमी एचजी (पारा के मिलीमीटर) से ऊपर पहुंच जाता है, तो आप एथेरोस्क्लेरोसिस या एन्यूरिज्म विकसित कर सकते हैं। यह दोनों समस्याएं दिल की बीमारियों से संबंधित हैं। ऐसे में बेहतर महसूस करने और तनाव की मात्रा को घटाने के लिए बेहतर खाने पर तुरंत ध्यान देने की कोशिश करें। इससे आपके दिल को आने वाले सालों तक स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष – Nishkarsh
डायस्टोलिक रक्तचाप यानी डायस्टोलिक बीपी आपकी रीडिंग की निचली संख्या है। यह इस बात की माप है कि सिकुड़ने और आराम करने के दौरान दिल कितना रक्त पंप कर सकता है, जो धड़कन यानी सिस्टोल के बीच होता है। सिस्टोलिक एक मेडिकल रीडिंग में सबसे ऊंची संख्या के बारे में बताता है। यह माप है कि हर धड़कन के दौरान रक्त पंप करते समय आपका दिल कितनी मजबूती से निचोड़ता है। हाई सिस्टोलिक रीडिंग स्वस्थ है, क्योंकि यह हमारे शरीर में उम्र के साथ नसों और अंगों पर कम दबाव के बारे में बताती है। हालांकि, सामान्य या औसत से कम डायस्टोलिक दिल की बीमारी का शरुआती संकेत हो सकता है। ऐसे में इसे नज़रअंदाज़ नहीं करने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी ब्लड प्रेशर की उच्च संख्या को लेकर परेशान हैं, तो इसके कारणों को जानने और निदान के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
मंत्रा केयर – Mantra Care
अगर आप इस विषय से जुड़ी या डायबिटीज़ उपचार, ऑनलाइन थेरेपी, हाइपटेंशन, पीसीओएस उपचार, वजन घटाने और फिजियोथेरेपी पर ज़्यादा जानकारी चाहते हैं, तो मंत्रा केयर की ऑफिशियल वेबसाइट mantracare.org पर जाएं या हमसे +91-9711118331 पर संपर्क करें। आप हमें contact@mantracare.org पर मेल भी कर सकते हैं। आप हमारा फ्री एंड्रॉइड ऐप या आईओएस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
मंत्रा केयर में हमारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और कोचों की एक कुशल और अनुभवी टीम है। यह टीम आपके सभी सवालों का जवाब देने और परेशानी से संबंधित ज़्यादा जानकारी देने के लिए हमेशा तैयार है। इससे आपको अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छे इलाज के बारे में जानने में मदद मिलती है।