Contents
- 1 उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) क्या है? High Blood Pressure Kya Hai?
- 2 उच्च रक्तचाप के लक्षण – High Blood Pressure Ke Lakshan
- 3 उच्च रक्तचाप के कारण – High Blood Pressure Ke Karan
- 4 उच्च रक्तचाप का निदान – High Blood Pressure Ka Nidan
- 5 हाई ब्लड प्रेशर रीडिंग – High Blood Pressure Reading
- 6 रक्तचाप की श्रेणियां – Blood Pressure Categories
- 7 Blood Pressure Jyada Ho To Kya Karna Chahie | जीवनशैली में बदलाव – Lifestyle Changes
- 8 उच्च रक्तचाप के लिए आहार (Blood Pressure Jyada Ho to Kya Khana Chahie)
- 9 डैश डाइट – Dash Diet
- 10 मंत्रा केयर – Mantra Care
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) क्या है? High Blood Pressure Kya Hai?
रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) एक प्रकार का दबाव है, जिसे आपका हृदय शरीर के चारों तरफ रक्त पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करता है। इसका मतलब है कि रक्त वाहिकाओं पर पड़ने वाला रक्त का बल यानी दबाव ही रक्तचाप है। आपका हृदय दबाव के साथ रक्त को रक्त वाहिकाओं (धमनियों) में फेंकता है, जिससे रक्त पूरे शरीर में फैल जाता है। एक उच्च रक्तचाप वाले आहार (हाई ब्लड प्रेशर डाइड) की मदद से रक्तचाप की असामान्य सीमा से छुटकारा पाया जा सकता है।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को हाइपरटेंशन भी कहते हैं, जिसमें रक्त वाहिकाओं का दबाव सामान्य से ज़्यादा होता है। जब रक्तचाप का दवाब सामान्य सीमा से ज़्यादा बढ़ जाता है, तो यह हाइपरटेंशन का कारण बनता है। हालांकि, उच्च रक्तचाप के कारण अक्सर अज्ञात होते हैं, जिसकी वजह से आपके द्वारा खाया गया भोजन आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण – High Blood Pressure Ke Lakshan
आमतौर पर वर्षों तक उच्च रक्तचाप की स्थिति के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। ऐसे में उच्च रक्तचाप की यह मौन अवस्था लक्षण दिखाने या गंभीर होने में कई साल लगा सकती है, लेकिन इसके कुछ लक्षण दूसरी बीमारियों का संकेत दे सकते हैं, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सिर दर्द
- सांस की कमी/सांस रुकना
- नाक से खून आना
- फ्लशिंग
- चक्कर आना
- छाती में दर्द
- दृष्टि में बदलाव
- पेशाब में खून
आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि, नियमित ब्लड रीडिंग में उच्च रक्तचाप का निदान किया जा सकता है, इसलिए लक्षण नहीं होने पर भी आपको उपचार करवाना ज़रूरी है।
जब भी आप क्लिनिक जाते हैं, तो ज़्यादातर डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर की रीडिंग लेते हैं। डॉक्टरों द्वारा इसका निदान वार्षिक दौरे के आधार पर भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर आपकी दिल की बीमारियों का कोई पारिवारिक इतिहास है, तो आपको साल में कम से कम दो बार रक्तचाप की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि समय पर निदान करके उच्च रक्तचाप या किसी भी बीमारी को ज्यादा बिगड़ने से रोका जा सकता है। इससे आपके डॉक्टर को किसी भी संभावित समस्याओं और अन्य जिम्मेदार बीमारियों का पता लगाने में भी मदद मिलती है।
उच्च रक्तचाप के कारण – High Blood Pressure Ke Karan
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन के सटीक कारणों की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में कई कारक उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जैसे:
- धुम्रपान
- मोटापा
- शारीरिक गतिविधि में कमी
- खाने में ज़्यादा नमक
- शराब का ज़्यादा सेवन (प्रतिदिन 1 या 2 बार से ज़्यादा पीना)
- तनाव
- ज़्यादा उम्र
- आनुवांशिकी
- उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास
- किडनी की पुरानी बीमारी
- एड्रिनल और थायराइड डिसऑर्डर
- सोते समय सांस रुकना या कम सांस आना (स्लीप एपनिया)
इन कारणों को ध्यान में रखकर और उच्च रक्तचाप वाले आहार का पालन करके आप उच्च रक्तचाप की समस्या को रोक सकते हैं।
उच्च रक्तचाप का निदान – High Blood Pressure Ka Nidan
रक्तचाप की रीडिंग से उच्च रक्तचाप का पता लगाना और इसका निदान करना आसान है। अगर रीडिंग में आपका रक्तचाप सामान्य से ज़्यादा आता है, तो डॉक्टर कुछ हफ्तों में अन्य परीक्षण और आगे की रीडिंग करेंगे। कई कारक दैनिक जीवन में आपके रक्तचाप को प्रभावित करते हैं, इसलिए आपको हाइपरटेंशन है या नहीं, इसकी जांच के लिए कई बार ब्लड प्रेशर रीडिंग की जाती है। पूरे दिन रक्तचाप में मामूली उतार-चढ़ाव होता है, जैसे- अगर आप तनावग्रस्त हैं, तो आपका रक्तचाप दूसरे व्यक्ति से अलग हो सकता है।
अगर आपका रक्तचाप सामान्य से ज़्यादा रहता है, तो डॉक्टर संभावित कारणों या गंभीर स्थितियों को जानने के लिए अन्य परीक्षण करेंगे, जो इस प्रकार हैं:
- मूत्र परीक्षण
- कोलेस्ट्रॉल परीक्षण
- अन्य रक्त परीक्षण
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) परीक्षण यानी आपके हृदय की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी
- हृदय का अल्ट्रासाउंड
- किडनी का अल्ट्रासाउंड
इन परीक्षणों से किसी भी माध्यमिक बीमारियों का निदान करने में मदद मिलती है, जो उच्च रक्तचाप का संभावित कारण हो सकते हैं। अगर आपका रक्तचाप पहले से ही काफी ज़्यादा है, तो डॉक्टर आपके आंतरिक अंगों पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच के बाद आपका इलाज शुरू करेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर आपको जीवनशैली में कुछ बदलाव करने का सुझाव भी दे सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर रीडिंग – High Blood Pressure Reading
ब्लड प्रेशर की रीडिंग को दो संख्याओं में पढ़ा जाता है:
- सिस्टोलिक प्रेशर- यह रीडिंग में सबसे ऊपर की संख्या है, जो दिल धड़कने और ब्लड पंप करने पर धमनियों में दबाव को दर्शाती है।
- डायस्टोलिक प्रेशर- रीडिंग में यह नीचे की संख्या है, जो हृदय की धड़कन के बीच धमनियों में दबाव की जानकारी देती है।
उदाहरण के लिए- व्यक्ति का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है, जिसमें 120 सिस्टोलिक और 80 डायस्टोलिक प्रेशर है।
रक्तचाप की श्रेणियां – Blood Pressure Categories
प्रेशर बढ़ने के आधार पर ब्लड प्रेशर को 5 श्रेणियों में बांटा जा सकता है, जैसेः
- सामान्य/स्वस्थ: रक्तचाप की सामान्य सीमा 120/80 मिलीमीटर पारा (मिमी/एचजी) है।
- एलिवेटेड: उच्च रक्तचाप 120 से 129 एमएम एचजी 80 से कम के बीच हो सकता है। रक्तचाप की इस सीमा को कुछ जीवनशैली में बदलाव करके सामान्य किया जा सकता है। डॉक्टर आपको इन संख्याओं को कम करने के लिए स्वस्थ आहार और व्यायाम करने की सलाह देंगे।
- स्टेज 1 हाइपरटेंशन: 130 से 139/80 से 89 एमएम एचजी स्टेज 1 हाइपरटेंशन है।
- स्टेज 2 हाइपरटेंशन: 140 या इससे ऊपर/90 या इससे ऊपर स्टेज 2 हाइपरटेंशन है।
- हाइपरटेंसिव क्राइसिस: इस मामले में रक्तचाप 180 या उससे ज़्यादा/120 या उससे ज़्यादा होता है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की ज़रूरत होती है।
Blood Pressure Jyada Ho To Kya Karna Chahie | जीवनशैली में बदलाव – Lifestyle Changes
दैनिक आदतें और वातावरण भी आपके रक्तचाप को प्रभावित करता है। ब्लड प्रेशर हाई होने पर आप इस संख्या को कम करने के लिए दवा का सेवन करते हैं, लेकिन हकीकत में दवा और उच्च रक्तचाप वाले आहार के साथ आपकी जीवनशैली भी उच्च रक्त शर्करा की समस्या के उपचार में अहम भूमिका निभाती है। आप एक स्वस्थ जीवनशैली और उच्च रक्तचाप वाले आहार की मदद से अपना रक्तचाप कम कर सकते हैं। अपने रक्तचाप के स्तर को सुधारने के लिए आप अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव कर सकते हैं, जैसे:
अतिरिक्त वजन कम करें
अगर आप मोटे हैं या आपका वजन ज़्यादा है, तो कुछ पाउंड वजन कम करके अपना रक्तचाप कम कर सकते हैं, क्योंकि ज़्यादा वजन से किसी व्यक्ति में कई तरह की बीमारियों की संभावना होती है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। सोते समय सांस रुकना या कम सांस आना (स्लीप एपनिया) भी ज़्यादा वजन के कारण होने वाली बीमारियों में से एक है। स्वस्थ वजन तक पहुंचकर उच्च रक्तचाप की समस्या का इलाज किया जा सकता है, जिससे आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
वजन कम करना आपके ब्लड प्रेशर को कम करने के सबसे स्वस्थ और प्रभावी तरीकों में से एक है। मोटे व्यक्तियों के लिए थोड़ा सा वजन कम करना भी बहुत फायदेमंद है। प्रत्येक किलोग्राम वजन के साथ आपका ब्लड प्रेशर 1 मिलीमीटर मर्करी (एमएम एचजी) तक गिर सकता है। इसके साथ ही आप उच्च रक्तचाप वाले आहार का विकल्प चुन सकते हैं।
अपना शारीरिक वजन मैनेज करते समय अपनी कमर को पतला रखना याद रखें, क्योंकि पेट की चर्बी शरीर के किसी अन्य अंग पर चर्बी होने से ज्यादा खतरनाक होती है। कमर के आसपास वजन उठाना खतरनाक है और यह उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है, जिसे कम करने के लिए आपको अपने आहार का खासतौर से ध्यान रखना होगा।
अगर हम इसे लिंग के आधार पर नापें, तो 102 सेंटीमीटर से ज्यादा कमर वाले पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा होता है, जबकि महिलाओं में कमर का माप 89 सेमी. से ज़्यादा होना हाई ब्लड प्रेशर का खतरा माना जाता है।
नियमित रूप से व्यायाम करें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर भी उच्च रक्तचाप का जोखिम कम किया जा सकता है। अगर आपको उच्च रक्तचाप है, तो आप नियमित व्यायाम की मदद से इसे कम कर सकते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम वाले लोगों का रक्तचाप 5 से 8 एमएम एचजी तक कम हो सकता है। ऐसे में ध्यान रखें कि निरंतरता ही जीवन की कुंजी है। आपको उच्च रक्तचाप का खतरा कम करने के लिए हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करना ज़रूरी है। हालांकि, ऐसे व्यक्तियों को नियमित व्यायाम करना होगा, क्योंकि व्यायाम बंद करने से रक्तचाप फिर से बढ़ सकता है।
इसके अलावा आप एरोबिक्स, साइकिलिंग, स्विमिंग या डांसिंग जैसे साधारण व्यायाम कर सकते हैं। साथ ही पैदल चलने या टहलने से भी आपको उच्च रक्तचाप से बचने में मदद मिल सकती है।
सीमित मात्रा में शराब लें
शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन अगर आप शराब का सेवन सीमित मात्रा में करते हैं, तो यह उच्च रक्तचाप का दबाव कम करने में फायदेमंद हो सकता है। दिन में एक ड्रिंक पुरुषों और महिलाओं के लिए सुझाई गई मात्रा है। अगर आप सीमित मात्रा से ज़्यादा शराब पीते हैं, तो यह आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। ज़्यादा मात्रा में किया गया शराब का सेवन रक्तचाप की दवाओं में भी हस्तक्षेप कर सकता है, इसलिए इसे सीमित करना ज़रूरी है।
धूम्रपान छोड़ें
धूम्रपान एक खतरनाक आदत है, लेकिन उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह ज़्यादा गंभीर हो सकता है। प्रत्येक सिगरेट आपके रक्तचाप को कुछ समय के लिए बढ़ा सकती है, लेकिन धूम्रपान छोड़ने से न सिर्फ उच्च रक्तचाप की जटिलताओं का खतरा कम किया जा सकता है, बल्कि दिल की बीमारियों के खतरे से भी बचा जा सकता है।
तनाव कम करें
तनाव भी आपके बढ़े हुए रक्तचाप का प्रमुख कारण है। खासतौर से अगर आप अस्वस्थ भोजन खाने से इस पर प्रतिक्रिया करते हैं। तनाव के कारण कुछ लोग शराब या धूम्रपान भी करते हैं। आपको इन आदतों को छोड़ना होगा और तनाव कम करने के तरीके जानने होंगे। तनाव को कम करने के लिए आप अपने परिवार या पालतू जानवर के साथ समय बिता सकते हैं। इसके अलावा मन को शांत करने के लिए आप दोस्तों के साथ घूम सकते हैं।
लगातार अपने ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करें
आप रक्तचाप की घरेलू निगरानी कर सकते हैं, क्योंकि इससे आप रक्तचाप को प्रभावित करने वाले कारणों से बारे में बहतर तरीके से जान सकते हैं। साथी ही आप इस पर भी नजर रख सकते हैं कि जीवनशैली में कौन से बदलाव आपके लिए काम कर रहे हैं और क्या नहीं। रक्तचाप से संबंधित जानकारी या इलाज के लिए आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं, क्योंकि वह आपको इस बारे में ज़्यादा जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
उच्च रक्तचाप के लिए आहार (Blood Pressure Jyada Ho to Kya Khana Chahie)
उच्च रक्तचाप वाले आहार का मतलब सही भोजन करना है, जो उच्च रक्तचाप के इलाज का आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है। अपने आहार में कुछ स्वस्थ बदलाव उच्च रक्तचाप की जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। कैलोरी गिनकर और हिस्से के आकार को देखकर आप रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाओं की संख्या को कम कर सकते हैं। उच्च रक्तचाप वाले लोग बेहतर नतीजों के लिए अपने आहार में निम्नलिखित बदलावों को शामिल कर सकते हैं, जैसेः
मांस कम और हरी सब्जियां ज्यादा खाएं
मांस का सेवन हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए हानिकारक है, क्योंकि इसमें अनहेल्दी फैट और हाई कैलोरी होती है। जबकि पौधों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होते हैं। पौधों से मिलने वाले फल और सब्जियां कई तरह से फायदेमंद हैं, जिससे वजन कम करने, कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम करने और रक्तचाप को मैनेज करने में मदद मिलती। इसलिए उच्च रक्तचाप वाले आहार में मांस को बाहर रखा जाता है, जबकि पौधे से मिलने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। इसके साथ ही आपको अपने द्वारा खाये जाने वाले खाद्य पदार्थों पर भी ध्यान देना चाहिए। साबुत फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और सोडियम का सेवन कम करने वाले लोग संतृप्त, ट्रांस फैट का सेवन भी कम करते हैं।
सोडियम (नमक) कम खाएं
उच्च सोडियम वाले आहार रक्तचाप को पहले से ज़्यादा बढ़ा सकते हैं, लेकिन सोडियम की कम मात्रा लेने वाले लोगों का रक्तचाप बेहतर तरीके से नियंत्रित होता है। उच्च रक्तचाप या किसी दिल की बीमारी के जोखिम वाले लोगों को प्रतिदिन 1500 से 2300 मिलीग्राम के बीच सोडियम का सेवन करने की ज़रूरत होती है। अपने आहार में सोडियम की निगरानी करने के लिए आप निम्नलिखित बातों पर विचार कर सकते हैं-
- रेस्टोरेंट या पहले से पैक हुए खाने से परहेज करें, क्योंकि इनमें आमतौर पर बहुत ज़्यादा मात्रा में सोडियम होता है।
- नमक रहित मसाला लें।
- अपने सोडियम सेवन पर नज़र रखने के लिए एक दिन में आपके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों को लिखें।
- प्रत्येक खाद्य पैकेज का दैनिक मूल्य पढ़ें।
मीठे खाद्य पदार्थों से बचें
मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ बिना किसी पोषण मूल्य में फ्लेवर्ड शुगर मौजूद होती है। अगर आप कुछ मीठा खाना चाहते हैं, तो ताजे फल या डार्क चॉकलेट को सीमित मात्रा में खाने की कोशिश करें। हमेशा कोई भी खाद्य पदार्थ लेने से पहले उसमें मौजूद शुगर की जानकारी को ज़रूर पढ़ें, क्योंकि ऐसा करके आप एक स्वस्थ रक्त शर्करा का स्तर मैनेज कर सकते हैं, जिससे आपको रक्तचाप को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलती है।
स्वस्थ भोजन
स्वस्थ रक्तचाप के लिए एक स्वस्थ आहार ज़रूरी है। शोध के अनुसार, आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आपको रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है। पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे खास पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों को उच्च रक्तचाप वाले आहार का हिस्सा माना जा सकता है। आप कुछ स्वस्थ खाद्य पदार्थों को उच्च रक्तचाप वाले आहार में शामिल कर सकते हैं, जैसे:
- सेब
- खुबानी
- केले
- बीट ग्रीन्स
- ब्रोकली
- गाजर
- कोलार्ड्स
- हरी सेम
- खजूर
- अंगूर
- हरी मटर
- गोभी
- लाइमा बीन्स
- आम
- खरबूजे
- संतरे
- आड़ू
- अनानास
- आलू
- किशमिश
- पालक
- स्क्वैश
- स्ट्रॉबेरी
- शकरकंद
- कीनू
- टमाटर
- टूना
- वसा रहित दही
High Blood Pressure Me Kya Nahi Khana Chahiye
आपको कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज या कम खाने की सलाह दी जाती है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
- मक्खन और मार्जरीन
- नियमित सलाद ड्रेसिंग
- वसायुक्त मांस
- दूध से बने सभी उत्पाद
- तले हुए खाद्य पदार्थ
- नमकीन स्नैक्स
- डिब्बाबंद सूप
- फास्ट फूड
- दैनिक मांस
डैश डाइट – Dash Diet
हाई ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए आहार दृष्टिकोण (डीएएसएच) एक उच्च रक्तचाप आहार योजना है, जिसमें मुख्य रूप से फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, मुर्गी पालन, नट, फलियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों में पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन जैसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं, जो सभी उच्च रक्तचाप को मैनेज करने में मदद करते हैं।
डीएएसएच आहार में डेसर्ट, मीठे पेय पदार्थ, फैट और रेड मीट जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं किया जाता है। अध्ययनों के मुताबिक, जो लोग कुछ वर्षों तक डीएएसएच आहार का पालन करते हैं, उनमें कोरोनरी धमनी की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
डीएएसएच आहार का पालन करने से पहले अपने आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि आहार विशेषज्ञ ही आपको आगे बढ़ने और दैनिक पोषक तत्वों की ज़रूरतों को पूरा करने के तरीकों के बारे में बता सकते हैं। इन उच्च रक्तचाप वाले आहार से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
मंत्रा केयर – Mantra Care
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