Contents
- 1 रक्त शर्करा स्तर (ब्लड ग्लूकोज लेवल) क्या हैं? Blood Glucose levels Kya Hain?
- 2 रक्त शर्करा क्या है? Blood Glucose Kya Hai?
- 3 हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल – High Blood Glucose Level
- 4 लो ब्लड ग्लूकोज लेवल – Low Blood Glucose Levels
- 5 सामान्य ब्लड ग्लूकोज लेवल – Normal Blood Glucose Levels
- 6 मंत्रा केयर – MantraCare
रक्त शर्करा स्तर (ब्लड ग्लूकोज लेवल) क्या हैं? Blood Glucose levels Kya Hain?
रक्त में शर्करा (चीनी) की मात्रा को रक्त शर्करा यानी ब्लड ग्लूकोज कहते हैं। एक 70 किलोग्राम वाले व्यक्ति के शरीर में लगभग 4 ग्राम ग्लूकोज हर समय मौजूद रहती है, लेकिन आमतौर पर खाना खाने के बाद रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। जब इंसुलिन आपकी कोशिकाओं में ग्लूकोज को स्थानांतरित करता है, तो यह कुछ घंटों बाद कम हो जाता है।
रक्त शर्करा क्या है? Blood Glucose Kya Hai?
रक्त में पाई जाने वाली मुख्य शर्करा ब्लड ग्लूकोज या रक्त शर्करा है। ग्लूकोज चीनी की एक मात्रा है, जो हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आती है। यह रक्तप्रवाह के ज़रिए शरीर में कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करती है और आपके शरीर के अंदर बनन के साथ-साथ जमा भी होती है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो आपके शरीर में ग्लूकोज को बदलने में मदद करता है।
शरीर शर्करा (ग्लूकोज) कैसे बनाता है?
ग्लूकोज मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों से आता है, जिनमें आलू, ब्रेड और फल आदि शामिल हैं। आपके द्वारा खाया गया भोजन नली से होकर आपके पेट तक जाता है, जहां शरीर के अम्ल इसे छोटे टुकड़ों में तोड़ देते हैं और इसी दौरान ग्लूकोज बनता है। आपकी आंत में जाकर यह अवशोषित हो जाता है, जिसके बाद यह रक्त प्रवाह में जाता है और अग्न्याशय (पैनक्रियाज) से स्रावित इंसुलिन ग्लूकोज को आपके शरीर की कोशिकाओं में जाने में मदद करता है।
हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल – High Blood Glucose Level
उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाई ब्लड ग्लूकोज लेवल) को हाइपरग्लेसेमिया भी कहते हैं। हाइपरग्लेसेमिया एक ऐसी स्थिति है, जहां रक्त में ज़्यादा मात्रा में ग्लूकोज का संचार होता है। यह समस्या एक प्रमुख चिंता का विषय है, क्योंकि टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों पर इसका गंभीर प्रभाव हो सकता है। जब भोजन से पहले ब्लड में शुगर की मात्रा 130 मिलीग्राम/ डीएल होती है, तो उसे हाई ब्लड शुगर लेवल कहते हैं और भोजन के एक-दो घंटे के बाद यह 180 मिलीग्राम/डीएल होती हैं।
हाई ग्लूकोज लेवल के लक्षण
इसके कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैंः
- प्यास लगना
- सिरदर्द
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- धुंधली दृष्टि
- बार-बार पेशाब आना
- कमजोरी
- वजन घटना
- रक्त शर्करा 180 मिलीग्राम/डेसीलीटर से ज़्यादा
चल रहे उच्च शर्करा स्तर के कारण हैंः
- योनि और त्वचा में संक्रमण
- कट और घाव
- खराब दृष्टि
- नसों का नुसकान भी असंवेदनशील पैर, बालों के झड़ने या नपुंसकता का कारण बनता है।
- पेट और आंतों की समस्या
- आंखों, रक्त वाहिकाओं और किडनी को नुकसान
हाई ग्लूकोज लेवल के कारण
यह डायबिटीज और अलग-अलग गैर-डायबिटीज की बीमारियों के कारण होता है, जिनमें थायरॉयड, अग्नाशय, ज़्यादा खाना, शारीरिक चोट और गंभीर तनाव शामिल हैं।
हाई ग्लूकोज लेवल का उपचार
डायबिटीज वाले व्यक्ति और हाई ग्लूकोज लेवल के शुरुआती लक्षण होने पर ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। हालांकि, इसके लिए कुछ घरेलू उपचारों की मदद भी ली जा सकती है, जैसे:
- ज़्यादा पानी पीना: पानी पेशाब के ज़रिए ब्लड से फालतू शुगर को निकालने में मदद करता है और आपको डिहाइड्रेशन से भी बचाता है।
- नियमित व्यायाम: अक्सर व्यायाम करने से आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल कम करने में मदद मिलती है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह ग्लूकोज लेवल को बहुत ज़्यादा कर सकता है। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से अपने लिए सही व्यायाम के बारे में पूछना चाहिए।
- कीटोन्स की निगरानी: अगर किसी व्यक्ति को टाइप 1 डायबिटीज है और ग्लूकोज लेवल हाई है, तो आपको कीटोन्स के लिए पेशाब की जांच करवाने की ज़रूरत है। ऐसा होने पर आपको व्यायाम करना बंद कर देना चाहिए। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड शुगर ज़्यादा है और आपके पेशाब में कीटोन नहीं है, तो आपको उचित ढ़ंग से हाइड्रेटेड रहना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर आपको उचित व्यायाम की सलाह प्रदान कर सकते हैं।
- खाने की आदतों में बदलाव: मरीजों को अपने आहार को संतुलित करने के लिए खाने की मात्रा और प्रकार को बदलने के लिए आहार विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
- दवाएं बदलना: अगर आप पहले डायबिटीज के मरीज हैं, तो डॉक्टर आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं की मात्रा, समय और प्रकार को बदल सकते हैं। विशेषज्ञ की सलाह के बिना आपको दवाओं में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करना चाहिए।
हाई ग्लूकोज लेवल की रोकथाम
कई तरीकों से आप अपने ग्लूकोज लेवल को रोक और नियंत्रित रख सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति उचित तरीके अपनाता है, तो उसे उच्च ग्लूकोज स्तर को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
- अपने आहार को जानें- प्रत्येक भोजन और नाश्ते में आपके द्वारा खाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट की संख्या जानें और उस पर नियंत्रण रखें।
- नियमित रूप से ब्लड ग्लूकोज लेवल की जांच करें।
- चैक करते रहें कि क्या आपने बार-बार ब्लड ग्लूकोज की असामान्य रीडिंग की है।
- आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा पहचान पत्र (मेडिकल आइडेंटिफिकेशन) पहनें, ताकि लोगों को आपके डायबिटिक होने का पता चले।
लो ब्लड ग्लूकोज लेवल – Low Blood Glucose Levels
निम्न रक्त ग्लूकोज स्तर (लो ब्लड ग्लूकोज लेवल) को हाइपोग्लाइसीमिया के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपका ब्लड ग्लूकोज सामान्य से कम होता है। यह स्थिति तब हो सकती है जब कोई डायबिटिक व्यक्ति अपनी डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन या कुछ दवाएं ले रहा हो। यह डायबिटीज से पीड़ित मरीज के लिए हानिकारक हो सकता है। कम ग्लूकोज लेवल तब होता है, जब किसी व्यक्ति की ब्लड शुगर लेवल रीडिंग 70 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम होती है।
लो ग्लूकोज लेवल के लक्षण
इसके कुछ शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं:
- कमजोरी
- कंपकंपी
- पसीना आना
- सिरदर्द
- भूख
- बेचैनी, घबराहट या उत्सुक महसूस करना
- दृष्टि समस्या
- स्पष्ट रूप से सोचने में परेशानी
- मिजाज़ बदलना
- तेजी से दिल धड़कना
चल रहे निम्न ग्लूकोज स्तर के कारण:
- बेहोशी
- दौरा पड़ना
- कोमा
लो ग्लूकोज लेवल के कारण
- गलत समय पर इंसुलिन और डायबिटीज की दवाएं लेना।
- गलत मात्रा में इंसुलिन या दवा लेना।
- बिना खाना खाए इंसुलिन का इंजेक्शन लगाना।
- खाना छोड़ना
- सामान्य से ज़्यादा एक्सरसाइज करना
- शराब पीना
लो ग्लूकोज लेवल का उपचार
किसी व्यक्ति को लगातार कम हो रहे ग्लूकोज़ लेवल के मामले में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अगर आप पहले से ही एक मरीज हैं, तो आपको यह जांचने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए कि क्या आप अपना इंसुलिन सही तरीके से ले रहे हैं या इंसुलिन के प्रकार और मात्रा में कोई बदलाव तो ज़रूरी नहीं है। हालांकि, अक्सर कुछ घरेलू उपचार इसमें मदद कर सकते हैं, जैसे:
- ग्लूकोज वाले खाद्य पदार्थ खाएं या पेय पदार्थ का सेवन करें, ताकि वह तुरंत आपके शरीर में जा सके। आप नियमित सोडा, संतरे का रस, केक फ्रॉस्टिंग, ग्लूकोज की गोलियां या जेल ले सकते हैं, क्योंकि इन खाद्य या पेय में ग्लूकोज की अच्छी मात्रा होती है, जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ाने में मदद मिलती है।
- लगभग 10 मिनट तक इंतजार करें, ताकि ग्लूकोज काम कर सके।
- अगर लक्षण गंभीर हैं, जो ग्लूकोज की गोलियां खाने, पीने या लेने पर बिगड़ जाते हैं, तो आपको ग्लूकागन शॉट लेना चाहिए। ग्लूकागन एक हार्मोन है, जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है।
लो ग्लूकोज लेवल की रोकथाम
रोकथाम इलाज से बेहतर है, इसलिए लो ग्लूकोज लेवल को रोकना हमेशा इसका इलाज करने से बेहतर होता है। आपके पास हमेशा ग्लूकोज वाले खाद्य या पेय पदार्थ होने चाहिए, जो जल्द काम कर सकें। इसके अलावा रोकथाम के कई अन्य तरीके हैं, जैसे:
- व्यायाम के समय अपने ब्लड ग्लूकोज लेवल की जांच करें और सुनिश्चित करें कि आपके पास नाश्ता है।
- व्यायाम वाले दिन इंसुलिन के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
- अगर रात में कम ग्लूकोज़ लेवल को रोकने के लिए सोते समय नाश्ते की ज़रूरत महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
- बिना खाना खाए शराब पीने से बचें। खासतौर से महिलाओं को एक और पुरुषों को एक दिन में 2 पेय तक सीमित रहना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं के लिए ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने के लिए एक छोटा, संतुलित और लगातार आहार लेना बहुत ज़रूरी है। नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन डॉक्टर द्वारा मना किए जाने पर व्यायाम से परहेज करें।
सामान्य ब्लड ग्लूकोज लेवल – Normal Blood Glucose Levels
आप खाने से पहले या खाने के बाद सामान्य ब्लड ग्लूकोज लेवल माप सकते हैं। कई कारक पूरे दिन ब्लड गूलकोज के लेवल को प्रभावित करते हैं, जैसे इनके भोजन की मात्रा, शारीरिक गतिविधि, चिकित्सा स्थिति, मासिक धर्म, शराब और डिहाइड्रेशन आदि।
डायबिटीज के बिना सामान्य ग्लूकोज लेवल
किसी भी उम्र का औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल सुबह 100 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए और दिन खत्म होने तक यह बताई गई स्थितियों पर निर्भर करता है।
डायबिटीज के साथ सामान्य ग्लूकोज लेवल
डायबिटीज वाले लोगों के लिए औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल उम्र और दिन के समय पर निर्भर करता है।
बच्चों का ग्लूकोज लेवल
6 साल से कम उम्र के बच्चों का ग्लूकोज लेवल 80 से 200 मिलीग्राम/डीएल के बीच होना चाहिए। इस उपयुक्त रेंज को बच्चों के लिए स्वस्थ माना जाता है, लेकिन एक बच्चे के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा जागने, खाना खाने और सोने से पहले के समय से अलग होती है, जैसे भोजन से पहले उनका औसत ब्लड शुगर लेवल 100 से 180 मिलीग्राम/डीएल होता है, जबकि खाने के कुछ घंटों बाद यह लगभग 180 मिलीग्राम/डीएल और दिन खत्म होने के साथ यानी सोते समय यह 110-200 मिलीग्राम/डीएल तक होता है। कभी-कभी डायबिटीज वाले बच्चों या हाइपोग्लाइसीमिया के मामलों में माता-पिता को आधी रात में बच्चों के ब्लड ग्लूकोज की जांच करवानी पड़ सकती है।
किशोरों का ग्लूकोज लेवल
6 से 12 साल की उम्र के बच्चों में ब्लड ग्लूकोज दिन के दौरान 80 से 180 के बीच होना चाहिए। उदाहरण के लिए, सुबह के समय यह 80 से 180 मिलीग्राम/डीएल के बीच और भोजन से पहले लगभग 90 से 180 मिलीग्राम/डीएल हो सकता है। जबकि खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, क्योंकि शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में तोड़ देता है, जो रक्त प्रवाह में फैल जाता है। कुछ घंटों के बाद यह 140 मिलीग्राम/डीएल और सोने के समय यह 100 से 180 एमजी/डीएल के बीच होता है।
13 से 19 की आयु के किशोरों का ग्लूकोज लेवल
किशोरों का औसत ब्लड शुगर लेवल दिन के दौरान 70 से 150 मिलीग्राम/डीएल के बीच होना चाहिए, जैसे सुबह के समय यह 70 से 150 मिलीग्राम/डीएल हो सकता है, जबकि भोजन से पहले यह 90 से 130 मिलीग्राम/डीएल हो सकता है। भोजन के कुछ घंटों के बाद यह 140 एमजी/डीएल तक बढ़ सकता है और सोने के समय यह 90 से 150 एमजी/डीएल के बीच हो सकता है। किशोर अवस्था अक्सर डायबिटीज वाले किशोरों के लिए सबसे कठिन समय होता है, क्योंकि डायबिटीज मैनेज करने के लिए बहुत ज़्यादा जिम्मेदारी और जिम्मेदार व्यवहार की ज़रूरत होती है, जो ज़्यादातर किशोरों के लिए कभी-कभी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में यह ध्यान देना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं और व्यायाम कर रहे हैं। यह देखते हुए उन्हें दिन भर में अपने ग्लूकोज के लेवल को 70 से 150 मिलीग्राम/डीएल के बीच बनाए रखना चाहिए।
वयस्कों का ग्लूकोज लेवल
वयस्कों यानी 20 साल या ज़्यादा उम्र के वयस्कों में ग्लूकोज का लेवल दिन के दौरान 100 से 180 मिलीग्राम/डीएल से कम होता है। जब आप सुबह उठते हैं, तो आपकी ब्लड शुगर सबसे कम होनी चाहिए, क्योंकि आपने आठ घंटे से ज़्यादा समय तक भोजन नहीं किया होता। उदाहरण के लिए, सुबह के समय ब्लड शुगर का लेवल 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए। भोजन से पहले यह 70 से 130 एमजी/डीएल के बीच होता है, जबकि खाने के कुछ घंटों के बाद यह 180 एमजी/डीएल से कम हो जाता है। आमतौर पर सोते समय यह 100 से 140 एमजी/डीएल के बीच होता है। अगर आप अपने ग्लूकोज नियंत्रण को लेकर परेशान हैं, तो डॉक्टर आपके ब्लड शुगर लेवल को उचित तरीके से मैनेज करने के लिए एक योजना प्रदान करने में आपकी मदद करेंगे।
मंत्रा केयर – MantraCare
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