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टाइप 2 डायबिटीज क्या है? Type 2 Diabetes Kya Hai?
टाइप 2 डायबिटीज, डायबिटीज के मरीजों में पाया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इससे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अगर शुरुआती चरण में ही डायबिटीज का पता लगा लिया जाए, तो इससे बचा जा सकता है। ऐसे में टाइप 2 डायबिटीज के जल्द निदान के लिए इसके लक्षणों को जानना ज़रूरी है। टाइप 2 डायबिटीज कई वर्षों में विकसित होता है, इसलिए इसके लक्षण लंबे समय तक नहीं दिखाई देते हैं। इस लेख में हम आपको टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ी इन्हीं बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण – Type 2 Diabetes Ke Lakshan
इन लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
बार-बार पेशाब आना
बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें आपका ब्लड शुगर हाई होता है और आपका शरीर पेशाब के ज़रिए इससे छुटकारा पाने की कोशिश करता है। यही वजह है कि डायबिटीज वाले व्यक्ति को ज्यादातर समय बार-बार पेशाब की समस्या होती है, जो डायबिटीज के सबसे बुरे लक्षणों में से एक है। रात में बार-बार पेशाब आने से आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है, जिससे तनाव और अवसाद होता है। इस स्थिति में आपको दिमाग और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोज़ाना 7 से 8 घंटे की स्वस्थ नींद लेनी चाहिए।
ज़्यादा प्यास लगना
ज़्यादा प्यास लगना इसका दूसरा लक्षण है, जो काफी स्पष्ट है। इसका मुख्य कारण बार-बार पेशाब आना है, क्योंकि इससे आपके शरीर में मौजूद पानी पेशाब के रूप में बाहर निकल जाता है। ऐसे में आपके शरीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है और आपको हर समय प्यास लगती है। बार-बार पेशाब आना और ज़्यादा प्यास लगना डायबिटीज के दो बुनियादी लक्षण हैं, जिन्हें आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपका शरीर पेशाब के ज़रिए आपके खून से ज़्यादा मात्रा में शुगर को निकालने की कोशिश करता है और ज़्यादा तरल पदार्थ खोने से आपको ज़्यादा प्यास लगती है।
बढ़ी हुई भूख
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की भूख बढ़ सकती है, जो इसका अन्य लक्षण है। भूख लगना अच्छी बात है, लेकिन खाने के बाद भी भूख लगना किसी भी व्यक्ति में चिंता का विषय हो सकता है। आपको जल्द से जल्द अपने डायबिटीज की जांच करवानी चाहिए, जिससे आप यह जान सकते हैं कि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं या नहीं। ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए आपको फाइबर से भरपूर स्वस्थ भोजन करना चाहिए। साथ ही कम चीनी वाला पौष्टिक भोजन खाने और शारीरिक तौर पर सक्रिय रहने से भी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।
वजन घटना
अगर आपका वजन बिना किसी वजह के कम के कम हो रहा है, तो यह आपके लिए अच्छा संकेत नहीं है। डायबिटीज में शुगर शरीर की कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती है, इसलिए कोशिकाएं ऊर्जा के लिए आपकी मांसपेशियों में मौजूद प्रोटीन और वसा का इस्तेमाल करना शुरू कर देती हैं। यही कारण है कि डायबिटीज में आपका वजन कम होने लगता है, फिर चाहे आप कितनी ही मात्रा में क्यों न खाएं। इसके लिए अपने आहार विशेषज्ञ से सलाह लें और खाने में ज़्यादा वसा और प्रोटीन शामिल करें।
त्वचा से जुड़ी समस्याएं
डायबिटीज के लक्षणों में से एक त्वचा से जुड़ी समस्याएं या खुजली वाली त्वचा है। डायबिटीज के लक्षण हर व्यक्ति में एक दूसरे से अलग होते हैं, इसलिए कुछ मरीजों के गले या बगल के आसपास काले धब्बे हो सकते हैं। आमतौर पर त्वचा से संबंधित समस्याएं कई दूसरे कारणों से भी हो सकती हैं, जिससे हर व्यक्ति को सावधान रहने की ज़रूरत है।
अंगों के घाव देर से भरना
डायबिटीज में हमारी तंत्रिका वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं, इसलिए आपके पैरों या शरीर के किसी दूसरे हिस्से में छोटा-सा घाव भी आसानी से ठीक नहीं होता है। ऐसे में डायबिटीज वाले लोगों को किसी भी तरह का घाव होने और कटने पर ज़्यादा सावधान रहना चाहिए, क्योंकि एक छोटा-सा कट एक बड़े अल्सर में बदल सकता है। इससे बचने के लिए हमेशा जुराबें पहनें और बिना जूतों के न घूमें।
धुंधली दृष्टि
डायबिटीज का एक और लक्षण धुंधली दृष्टि है। हमने आपको पहले भी बताया था कि डायबिटीज आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिसमें रेटिना में मौजूद आंख की नसें भी शामिल हैं। यह आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है, जिससे आपकी दृष्टि धुंधली हो सकती है। आमतौर पर इस स्थिति को डायबिटिक रेटिनोपैथी के नाम से जाना जाता है। अगर आपको अपनी दृष्टि में किसी तरह का बदलाव महसूस होता है, तो जल्द से जल्द किसी आंखों के डॉक्टर से सलाह लें।
थकान
कमज़ोरी या थकान महसूस होना भी डायबिटीज के लक्षणों में से है और कई बार आपको इसमें जलन भी महसूस हो सकती है। यह सभी आपके शरीर के अंदर होने वाले बदलावों का प्रभाव हैं, जो कई अन्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं, इसलिए ऐसा कोई भी लक्षण महसूस होने पर आपको अपने ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए। साथ ही लक्षण दिखाई देने पर बिना देर किये अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि ऐसा करके स्थिति को ज़्यादा बिगड़ने से रोका जा सकता है।
हाथों और पैरों में झुनझुनी
हाई ब्लड शुगर से आपको हाथों या पैरों में झुनझुनी महसूस हो सकती है। आमतौर पर इस स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जिसमें हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण अंगों की नसों को नुकसान पहुंचता है और अंगों में अजीब-सा अहसास होता है। अगर आपको अपने हाथों और पैरोंमें झुनझुनी महसूस हो या हाथ-पैर सुन्न हो जाएं, तो आपको अपने ब्लड शुगर के लेवल की जांच करवानी चाहिए। अगर यह स्थिति ज़्यादा समय तक रहती है, तो इससे आपके शारीरिक अंग खराब हो सकते हैं, जिसे सर्जरी से काटना भी पड़ सकता है।
मसूड़ों में इंफेक्शन
डायबिटीज वाले लोगों के मसूड़ों में इंफेक्शन होने की संभावना ज़्यादा होती है। इंफेक्शन की वजह से मसूड़े लाल और सूजे हुए हो सकते हैं, जो इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा आपके दांतों को पकड़ने वाली मांसपेशियां भी कमजोर हो सकती हैं। हालांकि यह लक्षण इतने सामान्य नहीं हैं, लेकिन इसके बाद भी लोगों को अपने दांतों को लेकर सावधान रहना चाहिए।
भ्रम या चक्कर आना
ऐसी कुछ स्थितियां हैं, जिनमें आपको भ्रम या चक्कर आने का अहसास हो सकता है, जैसे-
- एक्सरसाइज़ करना
- खाना छोड़ना
- बहुत ज़्यादा दवाएं लेना
इन स्थितियों में आपका ब्लड शुगर बहुत कम हो सकता है, जिसके कारण आपको चक्कर आ सकते हैं। अगर ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज़्यादा गिर जाता है, तो आप बेहोश भी हो सकते हैं। यही कारण है कि आपको हर 2 घंटे में खाने की सलाह दी जाती है।
टाइप 2 डायबिटीज का उपचार – Type 2 Diabetes Ka Upchar
किसी व्यक्ति को हल्की या मध्यम डायबिटीज की बीमारी है, तो इसे जीवनशैली में कुछ स्वस्थ बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन डायबिटीज की गंभीर स्थिति पर काबू पाने के लिए आपको दवा या इंसुलिन की जरूरत पड़ सकती है।
डायबिटीज वाले लोगों को जीवनशैली में निम्न बदलाव करने की सलाह दी जाती है, जिससे डायबिटीज पर नियंत्रण रखने में मदद मिल सकती है-
सही खाएं
डायबिटीज के मरीजों के लिए सही खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह खाद्य पदार्थ सूजन, दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीक न्यूरोपैथी और डायबिटीक रेटिनोपैथी जैसी डायबिटीज की जटिलताओं को भी रोकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में आप कैलोरी और चीनी की कम मात्रा वाले खाद्य पदार्थ चुन सकते हैं। इसके साथ ही डायबिटीज वाले लोगों को हाई फाइबर, विटामिन और खनिज सामग्री वाला भोजन करने की सलाह दी जाती है।
शारीरिक रूप से सक्रीय रहें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के कई फायदे हैं, जैसे- सक्रिय रहने से आपको फिट रहने में मदद मिलती हैं और आपका मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए आपको हर हफ्ते 120 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। इसके लिए आप योगा, जुंबा या एरोबिक्स जैसे कोई भी व्यायाम कर सकते हैं।
डॉक्टर से कब मिलें? Doctor Se Kab Milein?
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण या संकेत दिखाई देते हैं, तो तुरंत एक डायबिटीज विशेषज्ञ (डायबिटोलॉजिस्ट) से सलाह लें। हालांकि इनमें से कुछ समस्याएं कई दूसरे कारणों से भी हो सकती हैं। ऐसे में आप अपना ब्लड शुगर टेस्ट करवा सकते हैं, जिससे लक्षणों का पता लगाकर बीमारी का जल्द निदान किया जा सकता है। ब्लड शुगर टेस्ट से आपको बीमारी को बेहतर ढंग से रोकने या उसका इलाज करने में मदद मिल सकती है।
अगर आप किसी सामान्य डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह पहले आपके ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच करेंगे। डायबिटीज दुनिया भर में तेजी से बढ़ती हुई बीमारी है, जिसे नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम और अपना शारीरिक वजन नियंत्रित रखना ज़रूरी है।
टाइप 2 डायबिटीज के बारे में – Type 2 Diabetes Ke Bare Mein
- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जिसे कुछ उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है।
- डायबिटीज के मरीजों को एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए डायबिटीज के मरीज फाइबर युक्त आहार और नियमित व्यायाम से डायबिटीज को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
- डायबिटीज दिल की बीमारियों (कार्डियोवैस्कुलर), किडनी की बीमारियों (किडनी डिजीज) और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी आंखों की स्थिति का प्रमुख कारण है।
- डायबिटीज वाले 90 से 95 प्रतिशत लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो एक आम बीमारी है।
- डायबिटीज चीनी या बहुत ज़्यादा खाने से नहीं होता है। हालांकि, एक बार इसका निदान करने के बाद आपको चीनी के सेवन परहेज करना होता है और कार्ब के सेवन पर भी ध्यान देना होता है।
- मोटापे से आपके डायबिटीज से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में वजन कम करने से आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और डायबिटीज कम होगा।
- अगर किसी व्यक्ति में इंसुलिन प्रतिरोध है, तो कभी-कभी यह स्थिति स्वस्थ लोगों में भी विकसित हो सकती है।
- आपको कई साल तक डायबिटीज हो सकता है, जिसका पता लक्षण दिखाई देने के बाद ही चल सकता है।
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