Contents
- 1 रक्त शर्करा परीक्षण (ब्लड शुगर टेस्ट) क्या है? Blood Sugar Test Kya Hai?
- 2 रक्त शर्करा परीक्षण से उम्मीद – Blood Sugar Test Se Expectation
- 3 रक्त शर्करा परीक्षण की तैयारी – Blood Sugar Test Ki Preparation
- 4 परीक्षण के बाद प्रक्रिया – Test Ke Baad Prakriya
- 5 उच्च रक्त शर्करा – High Blood Sugar
- 6 रक्त शर्करा परीक्षण के तरीके – Blood Sugar Test Ke Tarike
- 7 रक्त शर्करा परीक्षण का उपयोग – Blood Sugar Test Ka Upyog
- 8 मंत्रा केयर – Mantra Care
रक्त शर्करा परीक्षण (ब्लड शुगर टेस्ट) क्या है? Blood Sugar Test Kya Hai?
रक्त शर्करा परीक्षण या ब्लड शुगर टेस्ट एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो आपकी रक्त शर्करा का स्तर (ब्लड ग्लूकोज लेवल) मापने में मदद करती है। ग्लूकोज एक प्रकार की चीनी है, जिसका इस्तेमाल आपका शरीर ऊर्जा और कई अन्य ज़रूरी काम करने के लिए करता है, जैसे- प्रोटीन बनाना।
आपके रक्त में ग्लूकोज का स्तर आपके डायबिटीज प्रबंधन से जुड़ी ज़रूरी जानकारी देता है। यह निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया), उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसीमिया) और अग्न्याशय की सूजन (पैंक्रियाटाइटिस) जैसी अन्य स्थितियों का निदान करने में भी मदद कर सकता है।
आपको बताते दें कि रक्त शर्करा परीक्षण कई तरह के होते हैं, लेकिन कुछ परीक्षण सिर्फ आपके वर्तमान रक्त शर्करा का स्तर ही दिखाते हैं। अन्य परीक्षणों से जानकारी मिलती है कि ग्लाइकोहीमोग्लोबिन यानी एचबीए1सी प्रक्रिया को मापकर शरीर ग्लूकोज को कितनी अच्छी तरह से नियंत्रित कर रहा है।
रक्त शर्करा परीक्षण से उम्मीद – Blood Sugar Test Se Expectation
यह परीक्षण डायबिटीज का निदान करने के लिए एक आसान और असरदार तरीका है। डॉक्टरों के अनुसार, रक्त शर्करा परीक्षण की मदद से डायबिटीज का निदान किया जा सकता है, लेकिन इसमें आपके रक्त शर्करा स्तर का विश्लेषण शामिल है। आमतौर पर डायबिटीज दो तरह के होते हैं, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 2 डायबिटीज 20 से 40 साल की उम्र के वयस्कों में सबसे आम है, जबकि टाइप 1 डायबिटीज का निदान अक्सर बच्चों या किशोरों में किया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे कि रक्त में ग्लूकोज का उच्च स्तर होने पर क्या करना चाहिए।
खाली पेट रक्त शर्करा की जांच (फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट) की सामान्य सीमा 70 मिलीग्राम/डीएल और 99 मिलीग्राम/डीएल के बीच होती है। रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से ज़्यादा होने पर आपको डायबिटीज होने की ज़्यादा संभावना होती है। उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लेसेमिया) से आपको डायबिटिक कोमा सहित कई जटिलताएं हो सकती है, जो अक्सर तीन दिनों तक भोजन की कमी के कारण होता है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, लेकिन तेज प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, मुंह सूखना, मतली और उल्टी जैसे कुछ लक्षण सामान्य हैं।
आहार संबंधी आदतों में बदलाव से हाइपरग्लाइसीमिया का इलाज संभव है, जिससे रक्त में शर्करा स्तर कम होता है। मिठाई और चीनी का सेवन कम या बंद करके यह स्तर सामान्य किया जा सकता है। इसके लिए आपके वजन को नियंत्रित करना भी ज़रूरी है, क्योंकि ज़्यादा वजन से डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी उपचार से मदद नहीं मिलने पर आपको इंसुलिन इंजेक्शन लेने की ज़रूरत होती है। हालांकि, किसी भी उपचार से पहले आपको रक्त शर्करा परीक्षण करवाना बेहद ज़रूरी है। अगर कभी आपको अपने स्वास्थ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी लगती है, तो अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें।
रक्त शर्करा परीक्षण की तैयारी – Blood Sugar Test Ki Preparation
आमतौर पर रक्त शर्करा परीक्षण से पहले किसी खास तैयारी की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अगर डॉक्टर फास्टिंग ग्लूकोज टेस्ट के लिए कहते हैं, तो आपको जांच से आठ घंटे पहले बिना कुछ खाए-पिए रहना होगा। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपकी उंगलियों, हाथ की नस या पेट के निचले हिस्से की साइट से खून की बूंदें लेने के लिए एक तेज नुकीली सुई (लैंसेट) या फिंगरस्टिक इस्तेमाल करते हैं, जिससे आपको तेज डंक या चुटकी जैसा महसूस हो सकता है।
डायबिटीज वाले लोगों के लिए यह परीक्षण नियमित देखभाल का हिस्सा है, जिसे डॉक्टर के कार्यालय में किया जाता है। मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति या रक्त शर्करा परीक्षण से होने वाली किसी भी एलर्जी के बारे में डॉक्टर को बताएं। साथ ही अगर आप मौजूदा समय में डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब कोई दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी देना बिल्कुल न भूलें, क्योंकि ओवर-द-काउंटर दवाएं परीक्षण में गलत नतीजें दे सकती हैं।
अगर आप ग्लूकोज़ चैलेंज टेस्ट करवा रहे हैं, तो उपवास के दौरान रक्त शर्करा परीक्षण किया जाता है। जबकि, अन्य रक्त शर्करा परीक्षणों में जांच से पहले कुछ निर्देशों का पालन करना ज़रूरी है, जैसे:
- फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट के लिए अपने अपॉइंटमेंट समय से 8 घंटे पहले तक कोई भी ठोस भोजन न करें।
- आपके अपॉइंटमेंट से 24 घंटे पहले परीक्षण के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं, इसीलिए गर्भनिरोधक गोलियां और ग्लुकोकोर्टिकोइड्स जैसी किसी भी दवा का इस्तेमाल बंद कर दें। यह एक तरह के स्टेरॉयड हार्मोन होते हैं, जिन्हें गठिया, अस्थमा और कैंसर सहित कई स्थितियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।
- ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट के लिए अपने अपॉइंटमेंट से कम से कम 24 घंटे पहले रक्त शर्करा के स्तर को कम करने वाली दवाएं लेना बंद कर दें। फिंगरस्टिक या नसों से रक्त निकालने के लिए कोई खास तैयारी ज़रूरी नहीं है।
परीक्षण के बाद प्रक्रिया – Test Ke Baad Prakriya
- उंगली में पिन चुभोने के बाद आप किसी भी रक्तस्राव को रोकने के लिए साइट पर दबाव डाल सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर एक पट्टी लगा सकते हैं। अगर हर इस्तेमाल के बाद मशीन स्वचालित रूप से एक नया लैंसेट डालती है, तो आगे कोई कार्रवाई ज़रूरी नहीं है। अगर रक्तस्राव रोकने के लिए आपने उंगली पर पट्टी का टुकड़ा रखा है, तो परीक्षण के बाद इसे डॉक्टर या नर्स के निर्देशों से बदलना ज़रूरी है। हालांकि, डॉक्टर या नर्स से पूछकर आप बैंडेज भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अन्य रक्त परीक्षणों की तरह इस परीक्षण में भी डॉक्टर आपको कुछ खाद्य पदार्थ या दवाएं नहीं लेने की सलाह देते हैं। इसके लिए डॉक्टर द्वारा बताए निर्देशों का पालन करें। फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट तक आपको कोई भी ठोस भोजन नहीं करना चाहिए और टेस्ट से पहले 8 घंटे तक कैलोरी वाला कोई पेय न लें।
- अगर आप ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट करवाते हैं, तो इसे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के कार्यालय या प्रयोगशाला में करने की योजना बनाएं। इसके लिए अपॉइंटमेंट से 24 घंटे पहले गर्भनिरोधक गोलियां और डायबिटीज की दवाएं लेना बंद कर दें, क्योंकि यह दवाएं परीक्षण के नतीजे प्रभावित करती हैं और इसके लिए भूखे पेट रहना ज़रूरी नहीं है।
- बीमार लोग रक्त शर्करा परीक्षण करवा सकते हैं, लेकिन बीमारी के कारण डायबिटीज प्रबंधन बदलने पर परीक्षण के नतीजे रक्त शर्करा स्तर बहुत ज़्यादा या कम दिखा सकते हैं। नतीजों की मदद से डॉक्टर यह तय करते हैं कि आपके उपचार के लिए कौन-सी दवा ज़रूरी है।
कई स्थितियों में आपके रक्त शर्करा स्तर की जांच करना ज़रूरी है। आपके डॉक्टर नियमित जांच के दौरान या उच्च या निम्न रक्त शर्करा स्तर के लक्षण होने पर परीक्षण कर सकते हैं, जैसे- कांपना, भ्रमित होना, बेहोश होना, कमजोर, निस्तब्ध, पसीना आना, जी मिचलना या ज़्यादा भूख लगना।
उच्च रक्त शर्करा – High Blood Sugar
उच्च रक्त शर्करा से डायबिटिक कोमा सहित कई जटिलताएं पैदा हो सकती है। ऐसे में अगर खाली पेट आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर 70 मिलीग्राम प्रति डीएल से ज़्यादा है, तो आपको निम्नलिखित विकल्पों का पालन करना चाहिए:
- मिठाई और चीनी का सेवन कम या बंद करने की कोशिश करें और अपने आहार की आदतें बदलें।
- अपने वजन को नियंत्रित करें, क्योंकि मोटापा डायबिटीज के विकास की संभावना बढ़ने का काम करता है।
- उपचार में किसी भी विकल्प के काम नहीं करते पर आप इंसुलिन के इंजेक्शन भी ले सकते हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए यह ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा की जांच करवाएं। सेहत में किसी भी तरह की गड़बड़ी महसूस होने पर आपको अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से मदद लेनी चाहिए।
रक्त शर्करा परीक्षण के तरीके – Blood Sugar Test Ke Tarike
रक्त शर्करा परीक्षण तब भी किया जाता है, जब डायबिटीज की दवाएं उचित तरीके से काम नहीं कर रही हैं। कई बार जब आप डायबिटीज की एक नई उपचार योजना शुरू करते हैं, तो आपकी रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित होने के बजाय कम या ज़्यादा हो जाता है। रक्त शर्करा परीक्षण आपकी यह जानने में मदद करते हैं कि आपको कितने इंसुलिन की ज़रूरत है। साथ ही आप जान सकते हैं कि आपकी डायबिटीज के लिए उपचार योजना को समय के साथ कैसे बदलना पड़ सकता है। इसके अलावा यह आपके द्वारा की गई कुछ सर्जरी की सफलता और आपके लिए गंभीर जटिलताओं के खतरे के बारे में भी बताते हैं।
परीक्षण के दौरान रक्त शर्करा स्तर मापने के लिए एक उंगली को चुभोकर या रक्त की बूंदों को निकालने के लिए त्वचा में डाला जाने वाला एक उपकरण इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर लैंसेट डिवाइस इस्तेमाल करते हैं, जो त्वचा की सतह को छेदता है और रक्त एक छोटी कांच की ट्यूब में इकट्ठा करता है। यह खून के सैंपल के साथ प्रतिक्रिया करने वाले रसायनों से युक्त अभिकर्मक पट्टी को छूता है। डिजिटल मॉनिटर पर परीक्षा परिणाम मिनटों में दिखाई देते हैं। यह परीक्षण एक उपकरण का इस्तेमाल करके किया जाता है, जो एक उंगली से रक्त की एक बूंद इस्तेमाल करता है। कई मामलों में नस से खून निकालने के लिए त्वचा में एक सुई डाली जाती है और परीक्षण किया जाता है।
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट
यह रक्त शर्करा परीक्षण एक निश्चित मात्रा में चीनी का सेवन करने के बाद व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज स्तर की माप बताता है। फिर उस व्यक्ति को इंतज़ार करने, दोबारा लौटने और विश्लेषण के लिए अपना ब्लड सैंपल देने के लिए कहा जाता है। आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि इस रक्त शर्करा परीक्षण के लिए आपको अतिरिक्त कीमत नहीं चुकाने की कोई ज़रूरत नहीं है।
उंगली में पिन चुभोना (फिंगर प्रिक)
यह एक आसान है, जिसे व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज के स्तर को मापने के लिए घर पर किया जा सकता है। इसमें अंगूठे के बाद सबसे पहली उंगली के किनारे में एक सुई डालकर त्वचा के एक हिस्से से रक्त की तीन बूंदें ली जाती हैं। परीक्षण के सटीक नतीजों के लिए खाने से पहले और बाद में कई बार ब्लड सैंपल लिए जाने चाहिए।
अन्य साइटों का परीक्षण करने वाले मीटर
रक्त शर्करा के स्तर की जांच के लिए यह अन्य सबसे आसान तरीके हैं। इसमें आपके हाथ का सबसे ऊपरी भाग, आगे का भाग, अंगूठे का बेस और जांघ या शरीर के किसी हिस्से को चुभाने से पहले त्वचा को एक एनेस्थीसिया की मदद से सुन्न किया जाता है। अगर डॉक्टर परीक्षण के लिए आपकी उंगली का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अलग-अलग नतीजे मिल सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अन्य परीक्षण स्थलों की तुलना में उंगलियों में रक्त शर्करा का स्तर ज़्यादा तेज़ी से बदलता है। खासकर जब रक्त शर्करा के स्तर में तेजी से उतार-चढ़ाव हो, जैसे भोजन के बाद या व्यायाम के दौरान।
खून का सैंपल
इस विधि में व्यक्ति का ब्लड सैंपल लेने के लिए एक टेस्ट ट्यूब की ज़रूरत होती है। इसके अलावा यह ज़रूरी है कि सटीक नतीजों के लिए इन्हें निश्चित समय अंतराल पर लिया जाए। इन नमूनों को प्रयोगशाला में भेजने और उनका विश्लेषण करने में आपको कुछ कीमत चुकानी पड़ती है।
घर पर ब्लड ग्लूकोज की निगरानी
अगर आप अपने रक्त शर्करा के स्तर पर अपने आहार के प्रभावों को जानना चाहते हैं, तो कुछ आसान से चरणों के साथ उनकी निगरानी करना ज़रूरी है। इसके लिए 8 घंटे तक भूखा रहने से पहले और 8 घंटे की अवधि बीत जाने के बाद दोबारा ग्लूकोमीटर के इस्तेमाल से खाली पेट अपने रक्त में शर्करा स्तर की जांच करें। कई बार कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने के लगभग एक घंटे बाद अपने रक्त शर्करा का परीक्षण करके आप भोजन के बाद रीडिंग पढ़ सकते हैं।
एचबीए1सी
एचबीए1सी आपके रक्त में हीमोग्लोबिन ए की मात्रा की एक माप है, जिसका इस्तेमाल दीर्घकालिक रक्त शर्करा नियंत्रण संकेतक के तौर पर किया गया है। आमतौर पर इसे डायबिटीज के निदान और इंसुलिन के साथ समस्याओं में मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। एचबीए1सा का स्तर अक्सर सुबह के समय सबसे ज़्यादा होता है, लेकिन हाल ही में दवाओं, व्यायाम या भोजन के सेवन के आधार पर यह पूरे दिन ज़्यादा या कम रह सकता है।
रक्त शर्करा परीक्षण का उपयोग – Blood Sugar Test Ka Upyog
अगर आप रक्त शर्करा परीक्षण के लिए सबसे अच्छे समय के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। इस तरह डॉक्टर आसानी से देख सकते हैं कि आपके रक्त में शर्करा स्तर की सामान्य सीमा है या नहीं। अगर यह सीमा सामान्य नहीं है, तो उस असामान्यता का कारण क्या हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो खाने के बाद आपको रक्त शर्करा के लिए परीक्षण का समय निर्धारित करना चाहिए।
रक्त शर्करा परीक्षण अक्सर यह निर्धारित करने में मदद करता है कि आपको डायबिटीज है या नहीं। इसकी मदद से आप शरीर द्वारा किये जाने वाले पर्याप्त इंसुलिन के उत्पादन की जानकारी भी ले सकते हैं। रक्त शर्करा स्तर के सटीक नतीजों को जानने के लिए आपको कई परीक्षणों की ज़रूरत हो सकती है। उदाहरण के लिए, फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट के लिए डॉक्टरों द्वारा परीक्षण से 8 घंटे पहले आपको बिना भोजन के रहने का सुझाव दिया जाता है।
आमतौर पर रक्त शर्करा परीक्षण डायबिटीज का पता लगाने में मदद करता है। इसके अलावा, उपचार की निगरानी के लिए भी रक्त शर्करा स्तर का परीक्षण किया जा सकता है। इसमें कीटोसिस संकेत देता है, जिससे डॉक्टर हाइपरग्लाइसेमिक स्थिति की गंभीरता का निर्धारण करते हैं। इससे यह जानने में मदद मिल सकती है कि आपको निम्न रक्त शर्करा की समस्या है या नहीं।
डायबिटीज का निदान
एक फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट आमतौर पर हाइपरग्लाइसीमिया के निदान में पहला कदम होता है। आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को मापकर यह निर्धारित किया जा सकता है कि आपके पेशाब में कीटोन मौजूद हैं या नहीं। आप यह आपके मस्तिष्कमेरु द्रव (सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड) में ग्लूकोज की मात्रा को मापकर भी जान सकते हैं। ऐसा तब किया जा सकता है, अगर आपको लगता है कि आपको डायबिटीज है या अगर आपका शरीर अभी भी पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन कर सकता है।
उपचार की निगरानी
अगर आपके डॉक्टर इंसुलिन जैसी दवाएं प्रिस्क्राइब करते हैं, तो रक्त शर्करा स्तर के परीक्षण की मदद से यह निर्धारित किया जा सकता है कि आपको दवा की उच्च खुराक की ज़रूरत है या अगर आप इसे सही समय पर ले रहे हैं।
कीटोसिस का निदान
इंसुलिन का एक ज़रूरी काम रक्त शर्करा के स्तर को कम करना है। भूखे पेट जब आपका शरीर इसके लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है, तो रक्त शर्करा का स्तर ज़्यादा रहता है। ऐसे में आपका शरीर ईंधन के लिए वसा को तोड़ना शुरू कर देता है। पेशाब कीटोन्स का उच्च स्तर यह बताता है कि व्यक्ति कीटोसिस की स्थिति में है।
उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लाइसीमिया) का निर्धारण
अगर आपको अपने हाइपरग्लाइसीमिया से पीड़ित होने का संदेह है, लेकिन नहीं जानते हैं कि क्या यह उपचार की ज़रूरत के लिए पर्याप्त गंभीर है। ऐसे में आपके डॉक्टर एक परीक्षण की सलाह दे सकते हैं, जिसे ए1सी कहा जाता है। यह परीक्षण तीन महीने की अवधि में रक्त शर्करा का स्तर मापता है। इससे डॉक्टर को आपके औसत रक्त शर्करा स्तर का खाली पेट ग्लूकोज की जांच वाले परीक्षण की तुलना में ज़्यादा सटीक नतीजे मिल सकते हैं।
निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) का निदान
अगर डॉक्टर को लगता है कि आपको निम्न रक्त शर्करा यानी हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या है, तो इसकी पुष्टि करने के लिए वह रक्त शर्करा परीक्षण के लिए कहेंगे। यह आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को मापकर आपके पेशाब में कीटोन के होने या नहीं होने के जानकारी देता है। साथ ही यह आपके मस्तिष्कमेरु द्रव या सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूड में ग्लूकोज की मात्रा मापकर भी किया जा सकता है।
अगर डायबिटीज नहीं होने पर भी आप इसके लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो यह आपके रक्त शर्करा की समस्या से पीड़ित होने का संकेत हो सकता है। अगर आपको निम्न रक्त शर्करा के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जैसे कि अशक्तता, भ्रम या भूख, डॉक्टर आपको आपातकालीन विभाग में भेज सकते हैं। ताकि वह पता लगा सके कि आपका ब्लड शुगर बहुत कम है या नहीं।
कई चिकित्सा पेशेवरों के लिए रक्त शर्करा परीक्षण एक ज़रूरी उपकरण है। यह हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया की गंभीरता से जुड़ी जानकारी देता है। इस प्रक्रिया से उनकी निगरानी करना आसान है, जिसके लिए 8 घंटे के उपवास से पहले और 8 घंटे बीत जाने के बाद उपवास परीक्षण करना चाहिए।
मंत्रा केयर – Mantra Care
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने का काम करती है। डॉक्टर डायबिटीज के मरीजों को नियमित अंतराल पर रक्त शर्करा परीक्षण करवाने की सलाह देते हैं। इससे उन्हें अपने रक्त में शर्करा के स्तर को अच्छे से नियंत्रित करने में मदद मिलती है। रक्त शर्करा परीक्षण कई तरह के होते हैं, लेकिन अगर आपको डायबिटीज प्रबंधन में किसी मदद की ज़रूरत है, तो आप मंत्रा केयर की हमारी अनुभवी टीम को कॉल कर सकते हैं।
यदि आप मधुमेह से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो मंत्रा केयर मदद के लिए उपलब्ध है। किसी मधुमेह विशेषज्ञ से जुड़ने के लिए अपना निःशुल्क ऑनलाइन मधुमेह परामर्श सत्र अभी बुक करें।