डायबिटीज और जीवन की संभावना (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) से जुड़े भ्रम – Diabetes Aur Life Expectancy Se Jude Myth

Diabetes Life Expectancy

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डायबिटीज और जीवन की संभावना (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) – Diabetes Aur Life Expectancy

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो कई जटिलताएं पैदा कर सकती है। इन्हीं कारणों से लोग डायबिटीज और जीवन की संभावना को लेकर परेशान हैं। यह बीमारी उन लोगों के लिए कम जीवन और गुणवत्ता से संबंधित है, जो इससे पीड़ित हैं। अगर आप अपनी रक्त शर्करा का स्तर प्रबंधित करने में सक्षम हैं, तो आप इस गंभीर जोखिम से पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति सही उपकरण, मार्गदर्शन और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली की मदद से अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।

डायबिटीज और जीवन की संभावना

ज़्यादातर लोगों का मानना है कि डायबिटीज वाले व्यक्ति की मौत जल्दी होने की संभावना ज़्यादा होती है। जबकि, बिना डायबिटीज वाले लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले में जल्दी मौत होने की संभावना कम होती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति अपनी रक्त शर्करा को कैसे बनाए रखता है, जिससे आपका जीवन प्रभावित होता है।

टाइप 1 डायबिटीज में जीवन की संभावना

टाइप 1 डायबिटीज का बेहतर तरीके से उपचार किये जाने के बाद भी लोग इस पुरानी बीमारी से जान गंवा रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, 50 साल से कम उम्र के टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीज बड़ी संख्या में मर रहे हैं। यह डायबिटिक कोमा और डायबिटीज कीटोएसिडोसिस जैसी बीमारी के कारण होने वाली जटिलताओं से संबंधित है, जो शरीर में इंसुलिन की कमी से होता है। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज वाले कुछ लोग इस बीमारी के साथ 85 साल तक जीवित रह सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों की तुलना में कम उम्र में डायबिटीज विकसित करते हैं। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक बीमारी के साथ जीना पड़ता है।

हाल ही में जीवन की संभावना पर कुछ अध्ययन किए गए थे, जिनसे पता चलता है कि बीसवीं शताब्दी के बाद पैदा हुए टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीज़ों में जीवन की संभावना काफी लंबी है।

  • कुछ व्यक्तियों को 75 से ज़्यादा वर्षों से डायबिटीज है।
  • कई लोग 85 साल से डायबिटीज के साथ जी रहे हैं।

टाइप 2 डायबिटीज में जीवन की संभावना

टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज की तुलना में ज़्यादा धीरे-धीरे विकसित होता है। यही कारण है कि कुछ लोगों में टाइप 2 डायबिटीज और डायबिटीज के अन्य प्रकारों का निदान किया जा सकता है। हालांकि, यह निदान बीमारी की शुरूआती अवस्था में किया जाना ज़रूरी हैं। अन्य परिस्थितियों में डायबिटीज की जटिलताएं शुरु होने के बाद ही डायबिटीज का पता चलता है, जो एक खतरनाक स्थिति है।

डायबिटीज के प्रकार और जटिलताओं के आधार पर बीमारी की गंभीरता का आंकलन नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज के सभी किस्मों का लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उपचार देने के लिए यह एक कठिन स्थिति है, जिसमें बहुत समय, सावधानी और देखभाल की ज़रूरत होती है। किसी व्यक्ति की अनुमानित जीवन की संभावना उम्र, जीवनशैली कारकों और उपचार के आधार पर काफी अलग हो सकती है।

उदाहरण के लिए समय:

  • टाइप 2 डायबिटीज के साथ 55 साल के लोग 24.7 साल की सामान्य जीवन की संभावना के साथ 13.2 से 21.1 साल जीने की उम्मीद कर सकते हैं। जबकि, इस स्थिति वाले एक 75 साल के व्यक्ति को 10 साल की औसत जीवन की संभावना की तुलना में 4.3 से 9.6 साल जीने की उम्मीद करनी चाहिए।

इसी से जुड़े कुछ आंकड़े और निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

  • डायबिटीज वाले लोगों के लिए जीवन की संभावना की सीमा क्या है।
  • चिकित्सा उपचार के आधार पर यह कैसे अलग होता है।

उदाहरण के लिए, जो लोग अपने ग्लूकोज स्तर को उचित तरीके से प्रबंधन और नियमित व्यायाम नहीं करतें है और बीड़ी-सिगरेट का सेवन (धूम्रपान) करते हैं, उनमें एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली का पालन करने वाले व्यक्ति की तुलना में कम जीवन जीने की संभावना होती है। ऐसे लोग धूम्रपान से परहेज़ करके रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखते हैं।

जीवन की संभावना कम होने के कारण – Life Expectancy Kam Hone Ke Karan

समय के साथ उच्च रक्त शर्करा स्तर यानी हाइपरग्लाइसीमिया से डायबिटीज संबंधी कई समस्याएं हो सकती है, जैसे:

  • डायबिटिक रेटिनोपैथी- यह डायबिटीज के कारण होने वाली एक आंखों की बीमारी है।
  • डायबिटिक नेफ्रोपैथी- गुर्दे से संबंधित यह बीमारी डायबिटीज की वजह से होती है, जिसका गुर्दे पर घातक प्रभाव होता है।
  • दिल से संबंधित बीमारी (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज/सीवीडी)- दिल से जुड़ी यह बीमारी किसी व्यक्ति के दिल को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

यह बीमारियां डायबिटीज से पीड़ित लोगों में जीवन की संभावना को कम कर देती हैं। इसके अलावा ऐसे अन्य कारक हैं, जो जीवन की संभावना और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। उच्च रक्त शर्करा का स्तर अक्सर इन जटिलताओं के साथ होता है, जैसेः

दोनों ही बीमारियां खराब सर्कुलेशन को बढ़ावा देती हैं, जो आगे चलकर दिल, गुर्दे, आंखों और नसों जैसे कई शारीरिक अंगों को नुकसान पहुंचाता है। कुछ परिस्थितियों में हाइपोग्लाइसीमिया और डायबिटीक कीटोएसिडोसिस सहित कम समय तक रहने वाले नतीजे किसी व्यक्ति के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं।

जीवन की संभावना में सुधार के उपाय – Life Expectancy Mein Sudhar Ke Upay

ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि उन्हें डायबिटीज की समस्या है। हालांकि, अगर आप यह जानते हैं, तो ऐसे में डायबिटीज को प्रबंधित करने का पहला तरीका इसका निदान करना है। अगर आपको डायबिटीज है और आप स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको स्वस्थ आहार बनाए रखने की ज़रूरत है। इसके लिए आप नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं, जैसे:

रक्त शर्करा स्तर का विनियमन

  • रक्त शर्करा स्तर की नियमित निगरानी- अगर आप अपने रक्त शर्करा स्तर की नियमित तौर पर निगरानी करते हैं, तो आपको रक्त शर्करा स्तर के नियंत्रण और उनके कारणों की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
  • मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल- डायबिटीज के मरीजों द्वारा रक्त शर्करा को स्थिर करने के लिए मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • डॉक्टर की सलाह- डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को किसी भी दवा के इस्तेमाल से डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित होने के बजाय कम या ज़्यादा हो सकता है।

स्वस्थ्य भोजन करना

Eating healthy

  • जूस और कैंडी जैसे साधारण शर्करा वाले खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें।
  • जटिल कार्बोहाइड्रेट के बजाय सरल कार्बोहाइड्रेट खाएं।
  • शराब का सेवन कम या सीमित करें।

नियमित व्यायाम

Exercising

  • वयस्कों को हर हफ्ते 150 से 300 मिनट की मध्यम रूप से ज़ोरदार कार्डियोवैस्कुलर गतिविधि करनी चाहिए, जैसे तेज चलना या डांस करना।
  • नियमित व्यायाम से आपको ज़्यादा कैलोरी जलाने में मदद मिलती है।
  • साथ ही यह आपके स्वास्थ्य में सुधार करता है।

वजन घटाना

Losing weight for Diabetes Life Expectancy

  • शारीरिक वजन का 5 या 10 प्रतिशत कम करने से ज़्यादा वजन वाले लोगों में डायबिटीज की समस्या का जोखिम कम किया जा सकता है।
  • कैलोरी जलाने से आपको मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

उपचार योजना का पालन

treatment plan of diabetes

  • इसमें डायबिटीज वाले किसी व्यक्ति द्वारा नियमित जांच करवाना शामिल है।
  • जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करें।
  • ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग किट की मदद से आप अपने रक्त शर्करा स्तर (ब्लड ग्लूकोज लेवल) की जांच घर पर आसानी से कर सकते हैं।

डायबिटीज की जानकारी

Learn about diabetes

  • डायबिटीज से पीड़ित लोग अपने डायबिटीज को नियंत्रित करने की स्थिति के बारे में उन लोगों से ज़्यादा जान सकते हैं, जो सिर्फ अपने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर पर भरोसा करते हैं।
  • आप स्व-प्रबंधन शिक्षा कार्यक्रम की मदद से अपनी स्थिति को प्रबंधित करने के लिए ज़रूरी कौशल सीख सकते हैं।
  • इससे कीमत और किसी भी समस्या की संभावना को कम करके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलती है।

इंसुलिन प्रकारों में विकास से डायबिटीज वाले मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में तेजी से बदलाव आया है। कई मॉनिटरिंग डिवाइस रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन देने के तरीके में सुधार कर रहे हैं। इंसुलिन लेने के तरीकों में इन बदलावों ने इसे इस्तेमाल करना आसान और लंबे समय तक चलने वाला बना दिया है। साथ ही इसके साइड इफेक्ट और जटिलताएं पैदा करने वाले जोखिम कारकों में भी कमी आई है।

डायबिटीज की देखभाल में सुधार – Diabetes Care Mein Sudhar

डायबिटीज और जीवन की संभावना में सुधार से मौत की दर और कारणों पर ज़्यादा सटीक डेटा मिल सकता है। इसके अलावा डायबिटीज के उपचार और प्रबंधन में भी कई ज़रूरी सुधार देखे गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

प्रभावी दवाएं

हाल के दिनों में डायबिटीज की देखभाल में पहले से ज़्यादा सुधार हुआ है। इनमें इंटेंसिव इंसुलिन थेरेपी, इंजेक्शन वाले इंसुलिन, इनहेल्ड इंसुलिन और दूसरी ओरल दवाएं शामिल हैं। इनके इस्तेमाल से आपको इंसुलिन और रक्त शर्करा को विनियमित करने में मदद मिल सकती है। यह दवाएं दर्द से राहत, रक्त शर्करा स्तर पर नियंत्रण, रक्तचाप में कमी या इंफेक्शन जैसी समस्याओं के इलाज में काफी प्रभावी हैं। हालांकि, इन दवाओं का सेवन करने से आपको अनपेक्षित या अप्रत्याशित नुकसान हो सकते हैं।

रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज) की निगरानी करने वाला उपकरण

ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर टूल्स का इस्तेमाल रक्त शर्करा के स्तर पर निगरानी के लिए किया जाता है। हालांकि, सुधार के बाद इनका इस्तेमाल करना पहले से ज़्यादा आसान हो गया है। इनमें कम दर्दनाक लांसिंग डिवाइस और निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग टूल भी शामिल हैं। यह उपकरण बताते हैं कि आप अपने आहार, व्यायाम और दवा के साथ कैसे काम कर रहे हैं।

स्व-प्रबंधन के लिए ज़्यादा मदद

इसके लिए आपको प्रमाणित नर्स शिक्षकों और डायबिटीज शिक्षकों जैसे पेशेवरों से ज़्यादा समर्थन की ज़रूरत होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उन्हें डायबिटीज के लिए सबसे प्रभावी स्व-प्रबंधन उपायों के साथ मरीजों को प्रशिक्षित करने का बेहतर अनुभव होता है।

डायबिटीज से जुड़े भ्रम और तथ्य – Diabetes Se Jude Myth Aur Fact

इस गंभीर बीमारी में जीवन की संभावना से जुड़े कई मिथक हैं। इन आम मिथक से संबंधित भ्रम को दूर करने के लिए आप इनमें से कुछ को स्वीकार कर सकते हैं, जैसेः

डायबिटीज गंभीर नहीं है

तथ्य: हल्का डायबिटीज जैसी कोई स्थिति मौजूद नहीं है, क्योंकि डायबिटीज एक खतरनाक बीमारी है। यह सही तरीके से इलाज नहीं किये जाने या अनुपचारित रहने पर कई समस्याएं पैदा कर सकती है। डायबिटीज किसी के जीवन की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन की संभावना कम हो सकती है।

डायबिटीज के सभी प्रकार एक जैसे हैं

तथ्य: डायबिटीज के कई प्रकार हैं, जिनमें टाइप 1, टाइप 2 और गर्भकालीन डायबिटीज सबसे ज़्यादा बार होते हैं। अन्य प्रकार के डायबिटीज कम आम हैं, लेकिन हर प्रकार के डायबिटीज से जुड़े कारण और उपचार विकल्प अलग होते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो गर्भकालीन डायबिटीज को छोड़कर डायबिटीज के सभी प्रकारों का इलाज नियमित समय पर किया जाना चाहिए। अगर गर्भकालीन डायबिटीज प्रसव के बाद गायब हो जाता है, यह किसी व्यक्ति के जीवन में बाद में टाइप 2 डायबिटीज की संभावना को बढ़ा सकता है। डायबिटीज एक जटिल और जानलेवा बीमारी है, जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है।

ज़्यादा वजन या मोटापे से डायबिटीज का विकास

तथ्य: मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक अन्य जोखिम कारक है, हालांकि यह बीमारी की मुख्य वजह नहीं है। ज़्यादा वजन वाले कुछ व्यक्तियों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम नहीं होता है, लेकिन स्वस्थ वजन वाले दूसरे लोग इसे विकसित कर सकते हैं।

सिर्फ टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन की ज़रूरत

तथ्य: टाइप 2 डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है, जो समय के साथ गंभीर होती जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अग्न्याशय समय के साथ इंसुलिन का कम उत्पादन करता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले 50 प्रतिशत लोगों को निदान के 6 से 10 साल बाद इंसुलिन की ज़रूरत होती है। हालांकि, ज़रूरत के हिसाब से दवा लेने पर कम दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। यह टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने का ज़रूरी तत्व है। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों के लिए दैनिक आधार पर इंसुलिन रिप्लेसमेंट थेरेपी की ज़रूरत होती है। ऐसे में उन्हें पूरे दिन बार-बार अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करनी चाहिए।

निष्कर्ष – Nishkarsh

अध्ययनों से पता चलता है कि डायबिटीज के मरीजों में मौत का ज़्यादा जोखिम यानी सामान्य आबादी की तुलना में कम जीवन की संभावना होती है। जीवन में बाद में डायबिटीज के निदान वाले व्यक्तियों के मुकाबले डायबिटीज से पीड़ित युवाओं ने अपने जीवन के ज़्यादा साल खो दिए।

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